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तुम चले जाने के बाद सभी

दीवार ने बोला

         मे नहीं हु

छत ने कहा

मे भी नहीं हु

पलंग, बिस्तर,पंखा, राशनी, किताबें सभी ने बोला

मे नहीं हु

यहां तक ​​की घर मे जितने भी

बचेकूचे सुख और आराम थे

     वह सब ने भी बोला

           हम भी नहीं है

क्या है फिर?

घरकि अकेलापन ने बोला

   वह जो नहीं है

        बस यही बात है

[Translated By: Suvajit Mondal]

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