sumanasya
18 June 2023
तुम चले जाने के बाद सभी
दीवार ने बोला
मे नहीं हु
छत ने कहा
मे भी नहीं हु
पलंग, बिस्तर,पंखा, राशनी, किताबें सभी ने बोला
मे नहीं हु
यहां तक की घर मे जितने भी
बचेकूचे सुख और आराम थे
वह सब ने भी बोला
हम भी नहीं है
क्या है फिर?
घरकि अकेलापन ने बोला
वह जो नहीं है
बस यही बात है।
[Translated By: Suvajit Mondal]