sumanasya
3 May 2023
इस बार आओगे तो
पैरों की पायल खोलकर आना
तुम्हारे जाने के बाद भी
उसकी झंकार गूंजती रहती है
इस बार आओगे तो
सुगंध लगाकर मत आना
तुम्हारे जाने के बाद भी
वह सब मुझे चारों ओर से घेरे रहती है
इस बार आओगे तो
कुछ बात नहीं करना
तुम्हारे जाने के बाद भी
तुम्हारी बातें मुझे अस्थिर रखती हैं
मैं तुम्हारी छाया में रहना चाहता हूँ
परछाई में नहीं
अगर हो सके तो ऐसे आओ
नहीं तो
लौटते हुए मुझको ख़तम करके।
[Translated By: Subhajit Mondal]