sumanasya
18 June 2023
शायद तुम रास्ता बनाना चाहते थे
शायद तुम पूर्ब कि और चलना चाहते थे
शायद तुम इंसान ढूंढ़ने निकले थे
और आज कितना बिखरे हुये
हालाँकि तुम ईतना ऊंचा उठ गये हौ के
मुझे भी डर लगता है
जब गिरगे
सब कूच लेके
वह सँभालने मे
कितने साल
कितने हात
कितने आह
लगेगा ?
[Translated By: Suvajit Mondal]