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एक घोंसला था,

जो सुंदर भी था, नाज़ुक भी था

 

पर उसे तूफ़ान की फ़िक्र भी थी

 

वो जंग की भाषा तो नहीं समझता था,

पर उसके अंदर, पूरे विश्व के लिए

एक दुआ भी थी

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