sumanasya 6 April 2025 एक घोंसला था, जो सुंदर भी था, नाज़ुक भी था। पर उसे तूफ़ान की फ़िक्र भी थी। वो जंग की भाषा तो नहीं समझता था, पर उसके अंदर, पूरे विश्व के लिए एक दुआ भी थी। Category Hindi Works Log in or register to post comments1 view